गांव में झोपड़ी से शुरू हुआ सपना, और आज पटना में साकार हुआ मिशन!
आज के डिजिटल युग में जहां शिक्षा एक व्यवसाय बन चुकी है, वहीं खान सर जैसे शिक्षक समाज के लिए मिसाल बन चुके हैं। पटना के सुपर 30 जैसे संस्थानों के बीच भी खान सर की एक अलग पहचान है – गरीबों के मसीहा शिक्षक।
10 साल पहले की बात है... खान सर अपने गांव में एक टूटी-फूटी झोपड़ी में गरीब बच्चों को बिना किसी फीस के पढ़ाया करते थे। उनका मानना था कि शिक्षा सबका अधिकार है – चाहे वह गरीब हो या अमीर। उन्होंने कभी बच्चों से एक रुपया भी नहीं लिया, और ना ही कभी अपने हालात का रोना रोया।
सपना था – गरीब बच्चों का भविष्य बनाना! खान सर हमेशा कहते हैं – “अगर मेरे कारण किसी एक बच्चे का जीवन बनता है, तो वही मेरी असली कमाई है।” लॉकडाउन के दौरान जब पूरी दुनिया रुक गई थी, तब खान सर ने YouTube और ऑनलाइन क्लासेज़ के माध्यम से लाखों बच्चों तक मुफ्त में ज्ञान पहुँचाया।
पटना में Coaching खोलने के बाद भी नहीं बदला लक्ष्य आज भले ही पटना में उनका नाम एक ब्रांड बन चुका है, लेकिन उनकी सोच वही है। आज भी वह आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त कोचिंग, किताबें और डिजिटल नोट्स उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने गरीब बच्चों के लिए एक स्पेशल बैच चलाना शुरू किया है जिसमें एडमिशन पूरी तरह फ्री होता है।
खान सर को क्यों मिलती है लाखों गरीबों की दुआएं?
लाखों छात्रों को मुफ्त में पढ़ाना
कम फीस में क्वालिटी एजुकेशन
YouTube चैनल पर 2 करोड़+ सब्सक्राइबर
राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित सोच
नतीजा यह हुआ कि आज खान सर को पूरे भारत में "भारत का नंबर 1 शिक्षक" कहा जाता है। उनकी किताबें, उनके लेक्चर, और उनकी सोच – हर युवा के दिल में घर कर चुकी है।
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