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| ( Main Article ) 10 अगस्त से बिहार की राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार होने जा रहा है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव मिलकर राज्यभर में एक पाँच दिवसीय तूफ़ानी दौरा करेंगे। यह दौरा न केवल विपक्षी एकता को मज़बूत करेगा, बल्कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित होगा। इस दौरे में वे बिहार के 9 प्रमंडलों में पदयात्रा, जनसभा और संवाद कार्यक्रमों के ज़रिए जनता की नब्ज़ को समझेंगे। इसे लेकर कहा जा रहा है कि बिहार की धरती से विपक्षी एकजुटता की नई पटकथा तैयार हो रही है। "अब लड़ाई दिल्ली तक नहीं, दिलों तक जाएगी!" राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट है:
इन पंक्तियों के ज़रिए तेजस्वी और राहुल गांधी, भारतीय राजनीति में संवेदनशील नेतृत्व और पारिवारिक मूल्यों की वापसी की बात कर रहे हैं। यह एक भावनात्मक अपील भी है, जो सीधे आम नागरिकों के दिल को छूती है। पार्टी गतिविधियां भी तेज़: |
राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को ललकारते हुए कहा गया:
"अगर मोदी जी में 50% भी इंदिरा गांधी जितना दम है, तो संसद में साफ़ कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं!"
यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि और सेना की गरिमा के संदर्भ में दिया गया है, जिसमें राहुल गांधी ने PM पर सीधा सवाल खड़ा किया है।
निष्कर्ष:
बिहार की 14 करोड़ जनता अब बदलाव के मूड में है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी का ये तूफ़ानी दौरा न सिर्फ सत्ता की चूलें हिला सकता है, बल्कि यह 2025 के चुनाव में INDIA गठबंधन की रणनीति का ट्रेलर भी साबित हो सकता है।
"बिहार की मिट्टी से जनआंदोलन की नई क्रांति जन्म ले रही है।"



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